प्राकृतिक संसाधन या सम्पदा (Natural Resources)

प्रकृतिक संसाधन या सम्पदा
Natural Resources

परिचय :- 
            वन्य प्राणियों एवं पेड़ पौधे के समान मानव भी प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र का एक साधारण सदस्य है और जीवन यापन के लिए विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहता है, परंतु बुद्धि के विकास ने मानव को प्राकृतिक संसाधनों का मालिक बना दिया है । इस अविवेकपूर्ण उपयोग से भौतिक सुखों में बढ़ोतरी के साथ - साथ प्राकृतिक  संसाधन और जीवधारियों का आपसी संतुलन गड़बड़ाने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है । वास्तव में मानव ने प्राकृतिक संसाधनों की घोर उपेक्षा की है, जिसके दुष्परिणाम अब मनुष्य स्वयं मानव जाति के अस्तित्व के लिए गंभीर संकट उत्पन्न कर रहे हैं। अतः मानव जाति को विनाश से बचाने के लिए प्रकृतीक संसाधनों का संरक्षण एवं पूर्ण सदुपयोग आज भी प्रमुख समस्या है।
संसाधन या सम्पदा संसाधनों के वे स्त्रोत होते हैं जो हमारे जीवित रहने और विकसित होने के लिए जरूरी होते है ।
        संसाधन एक गतिशील नामावली है क्योंकि ज्ञान , समाज, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति तथा विकास के साथ इसके अर्थ में भी परिवर्तन होता है । कोई भी वस्तु, जो मनुष्य के लिए उपयोगी होती है, संसाधन या सम्पदा । दूसरे सब्दो में, "संसाधन वह वस्तु या तत्व होता है जिसका उपयोग करके मनुष्य अपनी आवश्यकताओं एवं महत्वकांक्षाओं की तुष्टि करता है।

Comments

Popular posts from this blog

मरुस्थलीय परिस्थितिक तंत्र(Desert Ecosystem)

जलीय पारिस्थितिक तंत्र (Aquatic Ecosystem)