घास के मैदान का परिस्थियिक तंत्र
(Grassland Ecosystem)
घास के पारिस्थितिक तंत्र या पारिस्थितिक
तंत्रो से भिन्न होता है । ये घास स्थल ऐसे क्षेत्रों में अधिकतम पाये जाते है, जहाँ
पर ओसत वर्षा 25 से 75 से.मी. तक होती है। इनमे लंबी -लंबी घाँस एवं झाड़ियो की
अधिकता होती है जबकि वृक्षो का दूर-दूर तक अभाव होता है । अफ्रीका में सवाना (Savana)
घास मैदान, ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, संयुक्त राष्ट्र
अमेरिका , साइबेरिया, दक्षिण रूस आदि, देशो में बड़े -बड़े घास के मैदान पाये जाते है
। इनकी उपजाऊ शक्ति अधिक होती है, क्योंकि
इनकी मिट्टी में ह्युमस(Humas) युक्त होती हैं
। पूरे भारत में लगभग 8% भाग में घास का मैदान उपस्थित है।
घास के मैदान के पारिस्थितिक तंत्र
के प्रमुख घटक
(Functionl
Components of a Grassland Ecosystem)
1. अजैविक घटक(Abiotic
Components)
घास के मैदान में भी दो प्रकार के अजैविक घटक पाये जाते है-
(a) अकार्बनिक घटक :- उदाहरण जल, वायु, प्रकाश, वर्ष खनिज तत्व , गैसें जैसें- CO2 , N2, O2 आदि गैसें।
(b) कार्बनिक घटक :- उदाहरण प्रोटिन, कार्बोहाईड्रेट, एमिनो अम्ल, वसा,
लिपीड़स, आदि।
2 जैविक घटक(Biotics
Components)
इसके अंतर्गत निम्न प्रकार के जीवधारी
एवं पेड़-पौधे सम्मिलित किये गए है -
(i) उत्पादक (Producers)
घास के मैदान में उपस्थित सभी प्रकार
के हरि घास , शाकीय पौधे, घड़ियां एवं वृक्ष आते हैं, जो कि सूर्य की सहायता से अपना
भोजन प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा बनाने में सक्षम होते हैं। उदाहरण - दुब घास
(Cyrodum), स्प्रोबोलस(Sprobolus), सिम्बोपोगंन(Symbopogan), टीजोटेरिया(Digiteria),
डायकेन्थीयम(Dicantheum)|
(ii) उपभोक्ता(Consumer)
घास के मैदान में उपस्थित उन सभी जन्तुओ को सम्मिलित किया गया है जो कि अपने
भोजन हेतु अन्य जीवों एवं पेड़ -पौधे पर आश्रित
होते है । घास के मैदान के उपभोक्ता निम्न
प्रकार के है -
(1)प्राथमिक उपभोक्ता(Primary
Consumers)
सभी उपभोक्ता जो शाकाहारी(Herbivorus) होते हैं , तथा अपने भोजन हेतु उत्पादकों
पर निर्भर होते है । प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं।
उदाहरण - कीड़े- मकोड़े, गाय, बैल, भैंस,
भेंड़, बकरियां, घोड़े, गधे ,चूहे, हिरण आदि।
(2)द्वितीयक उपभोक्ता(Secondry
Consumers)
इसके अंतर्गत घास के मैदान में उपस्थित
वे सभी मांसाहारी जन्तु आते हैं जो शाकाहारी जन्तुओ का शिकार करते हैं उनका मांस खाते
गई। उदाहरण - साँप, भेड़िया, लकड़बग्घा, कौआ
आदि ।
(3)तृतीयक उपभोक्ता (Tertiary
Consumers) वो जन्तु जो अपना भोजन हेतु द्वितीयक उपभोक्ताओं पर आश्रित है , तथा उनका शिकार करके अपना भरण पोषण करते हैं। जिन्हें सर्वोच्च
मांसाहारी (Top Carnivorous) जन्तु भी कहते है। उदाहरण - बाझ, सिंह, शेर, चिता आदि।
घास के मैदान के विभिन्न संरचनात्मक घटक |
(iii)अपघटक (Decomposers)
घास के मैदान में बहुत से जीवाणु, कवक एवं एक्टिनोमईसिट्स आदि पाये जाते हैं जो कि वहाँ उपस्थित सभी उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के मृत शरीर एवं उनके द्वारा उत्सर्जीत पदार्थों का अपघटन कर उनके जटिल कार्बनिक यौगिक को सरल कार्बनिक यौगिको में विघटित कर देते हैं तथा शरीर के अजैविक घटको को वापस मृदा में मिला देते है।
घास के मैदान में बहुत से जीवाणु, कवक एवं एक्टिनोमईसिट्स आदि पाये जाते हैं जो कि वहाँ उपस्थित सभी उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के मृत शरीर एवं उनके द्वारा उत्सर्जीत पदार्थों का अपघटन कर उनके जटिल कार्बनिक यौगिक को सरल कार्बनिक यौगिको में विघटित कर देते हैं तथा शरीर के अजैविक घटको को वापस मृदा में मिला देते है।
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